द फॉलोअप डेस्क
विवादित देने के आरोपों का सामना कर रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव को सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने अगली हफ्ते बैठक के लिए तलब किया है। मिली खबर के मुताबिक यह बैठक 17 दिसंबर को हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना कर रहे हैं। असल में 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यादव के विश्व हिंदू परिषद की कानूनी शाखा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दिए गए भाषण पर संज्ञान लिया था और हाईकोर्ट से इसकी जानकारी मांगी थी।
सांसदों ने दिया महाभियोग प्रस्ताव लाने का नोटिस
साथ ही, 13 दिसंबर को राज्यसभा में विपक्ष के 55 सांसदों ने उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया है। यह बवाल तब मचा जब VHP के कार्यक्रम में जस्टिस यादव ने समान नागरिक संहिता को हिंदू बनाम मुस्लिम विषय बताया और कहा कि हिंदू समाज ने अपनी परंपराओं की कमियों को सुधार लिया है, लेकिन मुस्लिम समाज ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने बहुविवाह और बिना पत्नी की सहमति के दूसरी शादी जैसे मुद्दों पर सवाल उठाए।
उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू धर्म में सहिष्णुता के बीज हैं, जो इस्लाम में नहीं। बचपन से ही हमारे बच्चों को ईश्वर, वेद और अहिंसा की शिक्षा दी जाती है, जबकि दूसरे समुदायों में बच्चों के सामने पशुओं का वध किया जाता है। इलाहाबाद HC के जज शेखर यादव ने वीएचपी के एक कार्यक्रम में हाल के दिनों में कहा था कि कठमुल्ले देश के लिए घातक हैं। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यादव के बयान की पूरी डिटेल तलब की थी।
बाद में सुप्रीम कोर्ट ने विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश जस्टिस शेखर कुमार यादव द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणी पर संज्ञान लिया है। इन टिप्पणियों ने देश भर में बहस छेड़ दी है, जिसमें समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन का समर्थन करने वाले बयान और यह दावा शामिल है कि भारत को “बहुसंख्यक समुदाय की इच्छाओं” के अनुसार संचालित किया जाना चाहिए।